तीरथ गए से एक फल, सन्त मिलै फल चार ।
सतगुरु मिले अधिक फल, कहै कबीर बिचार ।।
अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि यदि जीव तीर्थ करता है तो उसको एक गुना फल प्राप्त होता है, यदि जीव के लिए एक सन्त मिल जावे तो चार गुना फल होता है और यदि उसको श्रेष्ठ गुरु मिल जाये तो उसके लिए अनेक फल प्राप्त होते हैं ।