कली खोटा सजग आंधरा, शब्द न माने कोय (अर्थ) kabir ke dohe कली खोटा सजग आंधरा, शब्द न माने कोय (अर्थ) valaravim May 1, 2023 कली खोटा सजग आंधरा, शब्द न माने कोय । चाहे कहूँ सत आइना, सो जग बैरी होय... Read More Read more about कली खोटा सजग आंधरा, शब्द न माने कोय (अर्थ)
कबिरा यह तन जात है, सके तो ठौर लगा (अर्थ) kabir ke dohe कबिरा यह तन जात है, सके तो ठौर लगा (अर्थ) valaravim May 1, 2023 कबिरा यह तन जात है, सके तो ठौर लगा । कै सेवा कर साधु की, कै गोविंद... Read More Read more about कबिरा यह तन जात है, सके तो ठौर लगा (अर्थ)