पोथी पढ़-पढ़ जग मुआ, पंडित हुआ न कोय । एकै आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय...
Month: May 2023
प्रेम न बारी ऊपजै, प्रेम न हाट बिकाय । राजा परजार जोहि रुचे, सीस देइ ले जाए...
पाँच पहर धन्धे गया, तीन पहर गया सोय । एक पहर भी नाम बिन, मुक्ति कैसे होय...
न्हाये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाय । मीन सदा जल में रहै, धोये बास...
प्रेम पियाला जो पिये, सीस दक्षिणा देय । लोभी शीश न दे सके, नाम प्रेम का लेय...
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय । माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय ।।...
नहिं शीतल है, चंद्रमा, हिम नहिं शीतल होय । कबिरा शीतल संतजन, नाम स्नेही होय ।। अर्थ:...
दया कौन पर कीजिये, कापर निर्दय होय । साईं के सब जीव है, कीरी कुंजर दोय ।।...
दया आप हृदय नहीं, ज्ञान कथे वे हद । ते नर नरक ही जायंगे, सुन-सुन साखी शब्द...
दस द्वारे का पिंजरा, तामें पंछी मौन । रहे को अचरज भयौ, गये अचम्भा कौन । अर्थ:...