काह भरोसा देह का, बिनस जात छिन मारहिं । साँस-साँस सुमिरन करो, और यतन कछु नाहिं ।।...
Month: April 2023
कबीरा धीरज के धरे, हाथी मन भर खाय । टूट-टूट के कारनै, स्वान धरे धर जाय ।।...
कबीरा सोया क्या करे, उठि न भजे भगवान । जम जब घर ले जाएँगे, पड़ा रहेगा म्यान...
कबीरा लहर समुद्र की, निष्फल कभी न जाय । बगुला परख न जानई, हंसा चुग-चुग खे ।।...
को छुटौ इहिं जाल परि, कत फुरंग अकुलाय । ज्यों-ज्यों सुरझि भजौ चहै, त्यों-त्यों उरझत जाय ।।...
कबीरा संगत साधु की, निष्फल कभी न होय । होमी चन्दन बासना, नीम न कहसी कोय ।।...
कबीरा संगति साधु की, जित प्रीत किजै जाय । दुर्गति दूर वहावती, देवी सुमति बनाय ।। अर्थ:...
कबीरा कलह अरु कल्पना,सतसंगति से जाय । दुख बासे भागा फिरै, सुख में रहै समाय ।। अर्थ:...
कबीरा गरब न कीजिए, कबहुँ न हँसिये कोय । अजहूँ नाव समुद्र में, का जानै का होय...
एक ते जान अनंत, अन्य एक हो आय । एक से परचे भया, एक बाहे समाय ।।...