दिल का मरहम कोई न मिला, जो मिला सो गर्जी ।
कहे कबीर बादल फटा, क्यों कर सीवे दर्जी ।।
अर्थ: इस संसार में ऐसा कोई नहीं मिला, जो कि हृदय को शांति प्रदान करे । यदि कोई मिला तो वह अपने मतलब को सिद्ध करने वाला ही मिला संसार में स्वार्थियों को देखकर मन रूपी आकाश फट गया तो उसको दर्जी क्यों सीवे ।