जागन में सोवन करे, सोवन में लौ लाय ।
सूरत डोर लागी रहै, तार टूट नहिं जाय ।।
अर्थ: मनुष्य को चाहिए कि उसके मन में जागृत अवस्था में तथा निद्रित अवस्था में हरि के प्रति भक्ति की चाहना होती रहे और हरि के स्मरण का ध्यान कभी नष्ट न हो ।
अर्थ: मनुष्य को चाहिए कि उसके मन में जागृत अवस्था में तथा निद्रित अवस्था में हरि के प्रति भक्ति की चाहना होती रहे और हरि के स्मरण का ध्यान कभी नष्ट न हो ।