जाके जिभ्या बन्धन नहीं हृदय में नाहिं साँच ।
वाके संग न लागिये, खाले वटिया काँच ।।
अर्थ: जिसको अपनी जीभ पर नियंत्रण नहीं और मन में सच्चाई नहीं तो ऐसे मनुष्य के साथ रहकर तुझे कुछ प्राप्त नहीं हो सकता ।
अर्थ: जिसको अपनी जीभ पर नियंत्रण नहीं और मन में सच्चाई नहीं तो ऐसे मनुष्य के साथ रहकर तुझे कुछ प्राप्त नहीं हो सकता ।