दया आप हृदय नहीं, ज्ञान कथे वे हद ।
ते नर नरक ही जायंगे, सुन-सुन साखी शब्द ।।
अर्थ: जिनके हृदय में दया नहीं है और ज्ञान की कथायें कहते हैं वह चाहे सौ शब्द क्यों न सुन लें परंतु उनको नर्क ही मिलेगा ।
अर्थ: जिनके हृदय में दया नहीं है और ज्ञान की कथायें कहते हैं वह चाहे सौ शब्द क्यों न सुन लें परंतु उनको नर्क ही मिलेगा ।