आए हैं सो जाएँगे, राजा रंक फकीर ।
एक सिंहासन चढ़ि चले, एक बाँधि जंजीर ।।
अर्थ: कबीरदास जी कहते हैं कि जो प्राणी इस संसार में जन्म ग्रहण करेगा वह अवश्य मरेगा चाहे वो गरीब हो अथवा अमीर । प्राणी अपने कर्मानुसार सिंहासन पर बैठता है तथा दूसरा जंजीरों में बंधकर जाता है ।