अवगुन कहूँ शराब का, आपा अहमक होय ।
मानुष से पशुया भया, दाम गाँठ से खोय ।।
अर्थ: तुमसे शराब की बुराई करता हूँ कि शराब पीकर आप पागल होते है मूर्ख और जानवर बनते है और जेब से रकम भी लगती है ।
अर्थ: तुमसे शराब की बुराई करता हूँ कि शराब पीकर आप पागल होते है मूर्ख और जानवर बनते है और जेब से रकम भी लगती है ।